क्या शाहरुख खान ने लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर पर थूका ?
कुछ लोगों का कहना है जब शाहरुख खान अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे तो वहां उन्होंने लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर पर थूका है ।
दरअसल मुसलमानों का प्रार्थना करने का तरीका अलग होता है जैसे कि एक वीडियो में आपने देखा ही होगा कि शाहरुख खान अपने मुस्लिम तरीके से प्रार्थना कर रहे थे और उनकी मैनेजर हिंदू तरीके से प्रार्थना कर रही थी ।
दोनों का मजहब जरूर अलग है लेकिन उनका इरादा नेक है । मुस्लिम लोग जब प्रार्थना करते हैं तब प्रार्थना समाप्त होने के बाद फूंकते हैं ।
कुछ लोग नहीं समझ पाए और विवाद करने लग गए जबकि यह बात गलत है कि शाहरुख खान ने लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर पर थुका है ।
नही रही स्वर कोकिला लता मंगेशकर
जैसे ही लता मंगेशकर को कोरोना संक्रमित पाया गया । उन्हें 8 जनवरी को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में कोरोना संक्रमण के चलते अस्पताल पर भर्ती कराया गया था ।
8 जनवरी से 92 साल की लता मंगेशकर को ICU में रखा जा रहा था । कोई नहीं जानता था कि कोरोना कि तीसरी लहर लता मंगेशकर के लिए मौत लेकर आएगी ।

92 साल की लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देने के लिए काफी लोग पहुंच गए जैसे कि अनुपम खेर , मधुर भंडारकर ,श्रद्धा कपूर ,अमिताभ बच्चन कई लोग शामिल हुए थे ।
6 फरवरी 2022 का दिन हमेशा याद रह जाएगा क्योंकि इस दिन लता मंगेशकर हमें अलविदा कह कर चले गऐ ।
अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बड़ी हस्तियां पहुंच गई ।
पीएम मोदी ने ट्विटर पर कहा कि मैं जल्द ही लता मंगेशकर के अंतिम संस्कार में पहुंच जाऊंगा ।
उनके निधन की खबर से आम आदमी और बॉलीवुड के तमाम हस्तियों को दुख पहुंचा है ।
जो लता मंगेशकर को दिल से चाहते थे वह अपना शोक प्रकट करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से शोक व्यक्त कर रहे हैं ।
उनका पार्थिव शरीर लता मंगेशकर के घर प्रभु कुंज ले जाया गया था।
उनके पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए बहुत लोग इकट्ठा हुए ।
ए आर रहमान ने ट्वीट करते हुए कहा कि आज का दिन हम सबके लिए बहुत बुरा दिन है ।लता मंगेशकर की कमी हमेशा खलेगी ।
ए आर रहमान कहते हैं कि मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला।
लता दीदी आज हम सबके बीच में नहीं रही। केन्द्र सरकार ने 6 व 7 फरवरी को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया है।
हम सब जानते हैं बचपन से उन्होंने अपने जीवन में काफी कठिनाइयों का सामना किया है ।
अब मैं आपको लता से लता मंगेशकर जी का सफर बताने जा रही हूं। उम्मीद है आपको लता मंगेशकर की जीवनी इस लेख के माध्यम से समझ आ जाएगी।
लता मंगेशकर की जीवनी
लता सिर्फ 5 वर्ष की थी जब उनके पिता को लता के गुणों का पता चल गया था। पिता ने लता को हर कदम में साथ दिया क्योंकि लता को भगवान की तरफ से एक सुनहरा उपहार मिला था। जब वह रियास करती थी तो वहां अपने अनमोल उपहार को और भी चमकाती थी।
13 साल की उम्र में लता के पिता का निधन हो गया। लता घर की बड़ी बेटी थी इसीलिए घर की जिम्मेदारी लता के नाजुक कंधों पर पड़ गई।
लता के पिता ने एक बार अपनी पत्नी से बातों ही बातों में कहा था कि लता के पास इतना हुनर है कि कल को अगर मैं ना रहा तो लता तुम सब की जिम्मेदारी ले सकती है।
शुरुआत के दिनों में लता को कोई भी गाने का मौका नहीं देता था क्योंकि उस समय जितने भी गायिका थे उन सब की आवाज भारी थी पर लता की आवाज बहुत ही पतली थी इसी कारण कोई भी लता को काम नहीं देता था।
घर के खर्चे के कारण लता ने कई अभिनय किए और जहां मौका मिलता था वह गाना भी गाया करती थी।
जब लोगों को समझ में आ गया की लता एक अनमोल हीरा है तो उन्होंने लता जी को काम देना शुरू कर दिया और धीरे- धीरे लता से वहां लता मंगेशकर जी बन गई ।
वैसे तो लता जी के सारे गाने प्रसिद्ध है पर हम आपको इस लेख में 20 प्रसिद्ध गीत बता रहे हैं जो हर किसी के दिल में राज करते हैं ।
20 प्रसिद्ध गाने लता मंगेशकर
- लग जा गले से फिर
- भीगी भीगी रातों में
- तेरे बिना जिंदगी से
- आपकी आँखों में कुछ
- कोरा कागज था ये मन मेरा
- तेरे मेरे मिलन की ये रैना
- अजीब दास्तान है ये
- देखा एक ख़्वाब
- तुम आ गए हो नूर आ गया
- गम है किसी के प्यार में
- चेहरे से नज़र नहीं
- एक प्यार का नगमा है
- आँखों में हमने आपके
- प्यार हुआ इक़रार हुआ
- हम दोनों दो प्रेमी
- तेरी बिंदिया रे
- तेरे बिना जिया जाए ना
- बाहों में चले आओ
- यह कहां आ गए हम
- चल कहीं दूर निकल जाएं
लता मंगेशकर ने अभिनाय का काम छोड़ दिया क्योंकि उनको शुरू से ही गाना गाने में ही दिलचस्पी रही थी ।
धीरे-धीरे उनके नाम का चर्चा सब तरफ होने लगा। जब लोगों को लता के हुनर का समझ आया वह लता को काम देने लगे ।
लता जी की आवाज में इतना दम होता था कि कई बार लोगों की आंखों से आंसू आ जाते थे और कई बार सीमा पर खड़े जवानों को सहारा मिल जाता था ।
भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने 25 भाषाओं में कम से कम 50,000 से ज्यादा गाना गाए हैं ।
उनकी आवाज की दीवाने सिर्फ उम्र वाले ही नहीं बल्कि आज के युवा भी है ।
भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर के बारे में चलिए और कई बातें जानते हैं । लता जी का जन्म 27 सितंबर 1929 इंदौर मध्यप्रदेश में हुआ था ।
लता जी के पिता दीनानाथ हमेशा ही लता को प्रोत्साहित करते रहते थे । दीनानाथ मंगेशकर एक कुशल रंगमंचीय गायक थे ।दीनानाथ जी ने 5 साल की लता को संगीत सिखाना शुरू कर दिया था और साथ मे लता की बहनें आशा, उषा, और मीना भी सिखा करती थी ।
ईश्वर द्वारा दी गई सुरीली आवाज का लता मंगेशकर ने भरपूर इस्तेमाल किया । इनकी सुरीली आवाज के कारण बहुत लोगों के दिलों में लता मंगेशकर जल्द ही राज करने लग गई थी ।
5 वर्ष की छोटी आयु में लता को एक अभिनय करने का अवसर मिला । उनका सफर तो अभिनय से हुआ लेकिन उनका पूरा ध्यान संगीत में ही रहता था ।
लता सिर्फ 13 वर्ष की थी जब उनके पिता का निधन हो गया था । नवयुग चित्रपट फिल्म कंपनी के मालिक और मास्टर विनायक लता को सिंगर और अभिनेत्री बनने में मदद की । लता घर की बड़ी बेटी थी इसलिए लता के कंधों पर घर की जिम्मेदारी पड़ गई ।
लता मंगेशकर के संघर्ष-
13 साल की बच्ची जब संघर्ष कर रही थी उन्हें काफी उतार-चढ़ाव अपनी जिंदगी में देखने पड़ें ।अपने परिवार को साथ में रखते हुए लता जी ने सभी कठिनाइयों का सामना किया । बहुत से संगीतकार ऐसे थे जिनको लता की आवाज शुरू में पसंद नहीं आती थी ।
लता जी कभी मायूस नहीं हुई । वह लगातार परिश्रम करती रही । परिश्रम और लगन के कारण लता जी ने अपना खुद का एक मुकाम बनाया ।
फिर एक दिन ऐसा आया जब उन्हें 1 दिन में 5 से 6 गीत गाने पड़ते थे । सन् 1947 में फिल्म “आपकी सेवा में ” लता जी को गाने का अवसर मिला ।जिसके बाद उन्हें एक के बाद एक ऑफर मिलने लग गए और एक अच्छी गायिका के रूप में लता जी को सब मानने लग गए ।
लता जी के प्रशंसकों की संख्या दिनोंदिन बढ़ने लगी ।
लता जी ने कई संगीतकारों के साथ काम किया है जैसे कि अनिल बिस्वास, सलिल चौधरी , शंकर जयकिशन, एस .डी .बर्मन , नौशाद मदन मोहन इत्यादि ।
लता जी ने कई फिल्मों में गाने गाए हैं जैसे कि मदर इंडिया, दो आंखें 12 हाथ, मुग़ल-ए-आज़म आदि ।
लता जी ने अपनी आवाज के जादू से फिल्मों की लोकप्रियता को बढ़ा दिया था ।
लता जी के पुरस्कार –
लता जी को कई पुरस्कार अपने जीवन में मिले ।
फिल्म फेयर पुरस्कार जो उन्हें 1958, 1962 1965 ,1969,1993,1994 में मिला ।
राष्ट्रीय पुरस्कार 1972,1975,1990
महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार 1966 और 1967
लता जी को सन् 1969 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया ।
लता जी को अनगिनत पुरस्कार अपने जीवन में प्राप्त हुए हैं ।
जीवन के संघर्षों , चुनौतियों और कामयाबी को लता जी ने बहुत अच्छे से सामना किया ।
लता जी की मृत्यु कोरोना संक्रमण के कारण 6 फरवरी 2022 में हुई ।अंतिम दर्शन के लिए पीएम मोदी और कई महान हस्तियां शामिल हुई ।
उम्मीद है इस लेख क्या शाहरुख खान ने लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर पर थूका ?के माध्यम से आपको शाहरूख खान और लता जी की जीवनी और संघर्षों के बारे में पता चला होगा ।
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