"जो होता है अच्छे के लिए होता है"

3 Motivational stories जो आपकी जींदगी बदल दे । Motivational stories in hindi

3 Motivational stories जो आपकी जींदगी बदल दे । Motivational stories in hindi 

आज आप इस लेख मे ऐसी  3 Motivational stories पढ़ेंगे जो आपकी जींदगी बदल देगा ।इस लेख का title हैं 3 Motivational stories जो आपकी जींदगी बदल दे । Motivational stories in hindi

story – 1

  •     “जो होता है अच्छे के लिए होता है” (3 Motivational stories जो आपकी जींदगी बदल दे । Motivational stories in hindi )

एक समय की बात है एक राज्य के मंत्री को बोलने की आदत थी कि “जो होता है अच्छे के लिए होता है” । एक दिन राजा और मंत्री आपस में बातचीत कर रहे थे ।

"जो होता है अच्छे के लिए होता है"

बातचीत के दौरान राजा अपनी तलवार को साफ कर रहे थे । अचानक से तलवार साफ करते समय राजा के हाथ से तलवार गिर गई और उनकी पैर की उंगली कट गई ।

 

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मंत्री ने बोल दिया राजाजी घबराओ नही “जो होता है अच्छे के लिए होता है ” यह बात सुनकर राजा आग बबूला हो गए और कहा कि मेरी उंगली कट गई है और तुम कह रहे हो कि “जो होता है अच्छे के लिए होता है” । मंत्री को सजा सुनाई गई ।

जब सैनिकों द्वारा मंत्री को जेल में डाला जा रहा था तो मंत्री के चेहरे में जरा सी भी उदासी नहीं थी ना ही कोई भय था । वह बोलते हुए जा रहा था कि” जो होता है अच्छे के लिए होता है ” ।

मंत्री को कई महीने जेल में हो गए थे । एक दिन राजा ने मन बना लिया शिकार करने का तो वह अपने सैनिकों के साथ जंगल में जाने लगे ।

जंगल में राजा को एक हिरण नजर आती है ।वह हिरन का पीछा करते-करते अपने सैनिकों को पीछे छोड़ देते हैं । हिरन तो हाथ में नहीं आई पर राजा जी रास्ता भटक गए ।रास्ता खोजते खोजते वह थक गए थे इतने में आदिवासियों का समूह उन्हें घेर लेता है ।

राजा अपने राज्य से दूर थे और जिस जंगल में वे गए थे वहां के लोग उन्हें नहीं पहचानते थे ।आदिवासियों ने राजा को घेर लिया और बंदी बना कर ले गए ।वे अपने ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए राजा की बलि देना चाहते थे ।उन्होंने राजा को नहलाया फिर कपड़े पहनाए और टीका किया ।

आदिवासियों ने राजा को पेड़ से बांधा तो आदिवासियों का मुखिया वहां आया और उन्होंने देखा कि राजा के पैर की उंगली कटी हुई है ।

आदिवासी लोग अपनी ईश्वर को राजा की बलि देने ही वाले थे तब उनके मुखिया ने कहा कि हम इस व्यक्ति की बलि नहीं दे सकते क्योंकि इसका शरीर अधूरा है ।

अधूरा शरीर की बलि देने से हमारे ईश्वर नाराज हो जाएंगे इसलिए इसे छोड़ दो ।

वे लोग राजा को छोड़ देते हैं । जैसे ही राजा अपने राज्य पहुंचते हैं तो सोचते हैं कि मेरा मंत्री सही ही कह रहा था कि “जो होता है अच्छे के लिए होता है ” मैंने खामखा उसे बंदी बनाकर रखा है आज ही मैं उसे रिहा करता हूं और मंत्री की पद पर रखता हूं ।

मंत्री जैसे ही कैदखाने से निकला, वह मुस्कुरा रहा था । मंत्री को देखकर राजा ने कहा की जो मेरे साथ हुआ उसका परिणाम तो अच्छा निकला लेकिन तुम इतने महीने जेल में रहे इस बात से तुम्हें कोई फर्क नहीं पड़ता ?

मंत्री ने कहा महाराज “जो होता है अच्छे के लिए होता है ” आप खुद देखिए अगर मैं उस दिन जंगल में आपके साथ होता तो आपको वे आदिवासी छोड़ देते क्योंकि आपकी पैर की उंगली कट हुई है जिसके कारण आपका शरीर अधूरा माना जाता है लेकिन मेरे सब अंग है वे लोग मेरी बलि दे देते ।अच्छा हुआ कि मैं कैदखाने में था नहीं तो मेरी बलि दी गई होती इसलिए मैं कहता हूं कि “जो होता है अच्छे के लिए होता है ” ।

दोस्तों हमारे साथ कई बार ऐसा होता है जब हमें लगता है कि हमारे साथ गलत हुआ पर जब वह समय बीत जाता है और हम मुड़कर देखते हैं तब हमें एहसास होता है कि अगर उस समय ऐसा नहीं होता तो आज इसका परिणाम यह नहीं होता ।

इंसान को अपने कर्मों का हिसाब इसी जन्म में देना पड़ता है अगर आप अच्छा कर्म करेंगे तो आपको परिणाम भी अच्छा ही मिलेगा ।अगर आप बुरा कर्म करेंगे तो आपको परिणाम भी बुरा ही मिलेगा ।

story – 2

            मौका (3 Motivational stories जो आपकी जींदगी बदल दे । Motivational stories in hindi )

एक समय की बात है एक पेट्रोल पंप में mercedes-benz आकर रूकती है ।पेट्रोल डालने वाला व्यक्ति उस चमचमाती कार को देखकर बहुत प्रसन्न हो जाता है मानो कि उसे जन्नत भी दिख गई हो ।कार का मालिक कहता है कि 2000 का पेट्रोल डाल दो ।वह व्यक्ति पेट्रोल डालना शुरू करता है और ख्यालों में डूबा रहता है ।

opportunity ( मौका )

कार का मालिक पूछता है कि क्या सोच रहे हो ?वह बताता है कि यहां कार मेरा सपना हैं ।मैं भी अमीर बनना चाहता हूं ।मैं कड़ी मेहनत करके एक दिन ऐसे car जरूर खरीद लूंगा ।

उस व्यक्ति की तड़प देखकर कार का मालिक उसे अपना visiting card देता है और कहता है कि यहां मेरा address है यहां आकर मुझे मिलो ।

अगर तुम कठिन परिश्रम करोगे तो आज नही तो कल तुम भी ऐसी आलीशान कार ले सकते हो ।

2 मिनट के लिए जो व्यक्ति पेट्रोल डाल रहा था उसने visiting card को देखा और मन ही मन सोचने लगता है ना जाने यह व्यक्ति कौन है ? आजकल टीवी में दिखा रहे हैं कि अनजान लोगों से सावधान रहें क्या पता यह किस प्रकार का काम मुझे देखा ?

हो सकता है कि यह मुझे गलत काम दे ।

ऐसा सोचने के बाद वह visiting card को Dustbin में फेंक देता है और अपने कार्य में लग जाता है ।

यह वार्तालाप जहां हो रही थी वहां एक लड़का खड़ा था जो सब बातें सुन रहा था ।

3 साल बाद उसी पेट्रोल पंप में फिर से mercedes-benz आती है । कार का मालिक पेट्रोल पंप वाले आदमी को कहता है कि 2000 का पेट्रोल डाल दो ।जो पेट्रोल डाल रहा था वह व्यक्ति देखता है कि यह तो वही कार है जो 3 साल पहले आई थी पर अब मालिक वह नहीं है ।

बातों ही बातों में कार का मालिक कहता है कि तुम्हें 3 साल पहले किसी ने visiting card दिया था ।

मुझे नहीं पता कि तुमने उस कार्ड को Dustbin में क्यों फेंका पर उस समय मैं वही पर था ।

मैंने वह card उठाया और दिए गए नंबर पर कॉल किया ।उस नेक आदमी ने मुझे बिजनेस कैसे करना है सिखाया ।उसके बाद मैंने कड़ी मेहनत की और आज में इस mercedes-benz का मालिक हूं ।

बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिन्हें अवसर मिलता है पर किसी ना किसी कारण से वह अवसर खो देते हैं ।मैंने उस अवसर को हाथ से जाने नहीं दिया यही कारण है कि आप 3 साल पहले भी यहीं थे और 3 साल बाद भी यहीं हो ।

ज्यादातर लोग अपने ऊपर शक करते हैं कि मैं आगे नहीं बढ़ सकता या मेरे में काबिलियत ही नहीं है कि मैं ऐसी mercedes कार खरीद पाऊंगा ।

कोई भी इंसान जन्म से अमीर नहीं बनता अगर आप अमीर बनना चाहते हो तो अवसर को हाथ से जाने ना दो ।

अवसर मिलते ही आपको कड़ी मेहनत करनी है और आज नहीं तो कल आप अपने जीवन की परिस्थिति को बदल सकते हैं ।इसलिए कभी शक ना करें कि यहां अक्सर मेरी जिंदगी बदल सकता है या नहीं ?

खुले दिमाग से सोचे कि यह अवसर मेरी जिंदगी बदल सकता है ? फिर आपको एक कदम उस ओर जरूर उठाना चाहिए … हो सकता है कि वह अक्सर आपकी जिंदगी ही बदल दे ।

Story – 3

               आलस्य (3 Motivational stories जो आपकी जींदगी बदल दे । Motivational stories in hindi )

एक दिन एक व्यक्ति गौतम बुद्ध के पास आता है और कहता है कि बुद्ध मैं अपने आलस्य से बहुत परेशान हूं । मैं जीवन में कामयाब होना चाहता हूं लेकिन मेरा आलस्य मुझे सफल नहीं होने दे रहा । बुद्ध उसकी तरफ देखते हैं और मुस्कुराते हुए बोले… तुम्हें कैसे मालूम कि तुम्हारे अंदर आलस्य है ?

Laziness (आलस्य )

यह बात मैं ही नहीं मेरा परिवार भी कहता है कि तुम एक आलसी व्यक्ति हो ।बुद्ध उसकी बात सुनते हैं और कहते हैं क्या तुम मुझे एक सबूत दे सकते हो कि तुम एक आलसी व्यक्ति हो ?

वह व्यक्ति कहता है कि मुझे मालूम है कि सुबह उठना सेहत के लिए और दिमाग के लिए फायदेमंद है लेकिन मेरा आलस्य मुझे उठने नहीं देता । बुद्ध उस व्यक्ति की बात सुनते हैं और कहते हैं क्या तुम्हें मालूम है कि आलस्य क्या होता है ? वह व्यक्ति कहता है मुझे नहीं मालूम पर जो भी है बहुत बुरा है ।

बुद्ध कहते हैं कि जाने-अनजाने हम आलस्य को अपने अंदर जगह देते हैं जिसकी वजह से हम अपनी कामयाबी से खुद को दूर रखते हैं ।

आलस्य दो कारण से आते हैं पहला शारीरिक और दूसरा मानसिक

शारीरिक आलस तब आता है जब हम ऐसी चीजें खाते हैं जिसमें जान नहीं होती ।फिर क्या !जो उर्जा हम अपने शरीर को देंगे वही हमें वापस मिलेगी ।इसलिए हमें जो प्राकृतिक भोजन मिलता है हमें उसे ही ग्रहण करना चाहिए ।

आसानी से पचने वाले भोजन को ही हमें ग्रहण करना चाहिए इससे हम आलस्य को दूर भगा सकते हैं |

दूसरा कारण जो है मानसिक

कई बार ऐसा होता है कि हम जाने-अनजाने गलत तरीके से खड़े होते हैं ,बैठते हैं और सोते हैं । गौतम बुद्ध ने कहा कि तुम साधुओं को देखो इनका चलने का अंदाज़ , इनके बैठते समय रीड की हड्डी सीधी रहती है और इनकी लेटते समय ध्यान से लेटते हैं जिससे उन्हें नींद अच्छी आती है । यही एक कारण है जिसकी वजह से यह साधु अपने आप को आलस्य से दूर रखते हैं।

बुद्ध ने कहा कि हमें प्राप्त नींद लेनी ही चाहिए क्योंकि अगर आप कम नींद लेंगे तो आने वाले कल में आप थकान और कमजोरी महसूस करेंगे इसलिए प्राप्त निंद्रा लेना जरूरी होता है ।

क्या करने से आप आलस्य को दूर भगा सकते हैं ?

गौतम बुध कहते हैं कि इन भिक्षुओं को देखो यह निश्चित समय में सो जाते हैं और यही कारण है कि यह निश्चित समय में उठ जाते हैं ।

सभी भिक्षु अनुशासन को मानते हैं ।लोग अनुशासन को बंधन मानते हैं जबकि यहां हमें मुक्त करता है ।एक अनुशासित व्यक्ति को हर कार्य समय में करना पसंद होता है इसलिए अनुशासन को अपने दिनचर्या में लाना ही चाहिए ।

आलसी व्यक्ति कहता है कि बुद्ध मुझे कहां से शुरुआत करनी चाहिए मन के स्तर से से या शारीर के स्तर से .. बुद्ध कहते हैं कि तुम्हें आज से ही कार्य शुरू करना चाहिए ।

बुद्ध कहते हैं कि जो भी कार्य तुम करना चाहते हो उसे प्राथमिकता में रखे ।ऐसा करने से आप महत्वपूर्ण कार्य को पहले समाप्त कर लेंगे और शेष समय अन्य कार्य को दे सकेंगे ।

अपनी एक आदत बना ले कि आज का कार्य मुझे आज ही करना है ।ऐसा करने से आप तनावमुक्त भी रहेंगे और आलस्य को दूर भगा सकेंगे ।कई बार ऐसा होता है लोग गलतफहमी का शिकार बन जाते हैं और अपने अंदर आलस्य ले आते हैं ऐसा इसलिए होता है कि वे सोचते हैं कि जो कार्य वह पिछली बार नहीं कर सके थे वह कार्य इस बार भी नहीं कर पाएंगे । अपने mindset को चेंज करना बेहद जरूरी हैं । अगर आप खुद पर विश्वास नहीं करेंगे तो आलस्य आपको घेर लेगा ।

मानसिकता स्तर का दूसरा कारण –

कई बार ऐसा होता है कि हम खुद को ऐसे लोगों के बीच में रखते हैं जो लोग आलसी होते हैं ।इसलिए हमें अपने आजू-बाजू ऐसे लोग रखने चाहिए जो कामयाब होना चाहते हैं और जिन्हें जीवन का लक्ष्य मालूम होता है ।

अगर आप आलस्य को दूर भगाना चाहते हैं तो अपने आसपास अच्छे लोगों के बीच में रहना शुरू कर दे ।

मानसिकता का तीसरा कारण –

(काम को डालने की आदत ) कई लोग जाने अनजाने में अपना कार्य कल पर रख देते हैं और कहते हैं कि कल यह कार्य कर देंगे जबकि हम सब जानते हैं कि कल कभी नहीं आता इसलिए आलस्य को दूर भगाने के लिए अपने मन में दृढ़ निश्चय कीजिए कि आज का कार्य मुझे आज ही खत्म करना है ।

मानसिकता का चौथा कारण (लक्ष्य की अस्पष्टता )

जब इंसान को यह नहीं मालूम होता है कि उसे जाना कहां है ? तब उसे आलस्य घेर लेता है ।

मान लो कि तुम रेगिस्तान में फस गए हो और तुम्हें पानी की प्यास लगी है तो तुम क्या करोगे ? आलसी व्यक्ति कहता है कि मैं आजूबाजू पानी की तलाश करने लग जाऊंगा ।गौतम बुद्ध कहते हैं कि अगर फिर भी पानी ना मिले तो क्या करोगे ?

वह कहता है कि मैं पानी की तलाश करता रहूंगा क्योंकि इसके अलावा मेरे पास विकल्प नहीं है ।

गौतम बुद्ध हमें समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि जब इंसान के पास अनेक विकल्प होते हैं तो वहां लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर पाता लेकिन जब लक्ष्य स्पष्ट होता है तो वहां पूरी कोशिश करता है अपने लक्ष्य को पाने की .. इसलिए जीवन में लक्ष्य होना आवश्यक है इसी से आप आलस्य को अपने आसपास नहीं आने दे सकते ।

तुम चाहते हो कि तुम सुबह उठो लेकिन तुम्हारा आलस्य तुम्हें विकल्प देता है जिसके कारण से तुम नहीं उठ रहे हो ।यदि तुम अपने दिमाग में बिठा लो कि आज अगर मैं नहीं उठा तो भविष्य में मुझे अनेक बीमारियां लग सकती है इसलिए मुझे सुबह उठकर व्यायाम करना जरूरी है ।

अपने लक्ष्य का परिणाम देखने लग जाओगी तब तुम आलस्य को छोड़ दोगे ।

मानसिक स्तर का ‘पांचवा कारण’ –

मान लो कि एक सुनसान रास्ते से तुम जा रहे हो और तुम्हारे पास बेहद कीमती चीजें पड़ी है और कुछ लुटेर तुम्हारी ओर आ रहे हैं तो तुम उस समय क्या करोगे ?

यह व्यक्ति कहता है कि मैं जल्दी से अपना सामान उठा कर वहां से भाग जाऊंगा ।

क्या तुम्हें उस समय आलस्य आएगा ?आलसी व्यक्ति कहता है नहीं महाराज !गौतम बुद्ध कहते हैं कि हमारे पास कुछ करने का बड़ा कारण होना चाहिए । जब हमारे पास कुछ करने का बड़ा कारण होता है तब हम आलस्य से दूर रहते हैं ।

गौतम बुध की बातों से आलसी व्यक्ति समझ जाता है कि किन कारणों से आलस्य आता है ?

अब वह कहता है कि महाराज मैं समझ गया कि आलस्य आने का क्या वजह है ?

आज से मैं अपने सामने अपना लक्ष्य रखूंगा और ठोस कारण रखूंगा जिससे मैं आलस्य दूर रहूंगा ।

उम्मीद है दोस्तों आपको यहां 3 Motivational stories जो आपकी जींदगी बदल दे । Motivational stories in hindi पसंद आई होगी ।यदि आपका कोई मित्र है या अपना कोई जो जीवन में आगे बढ़ना चाहता है और उसे समझ नहीं आ रहा कि क्या करना सही रहेगा तो उसके साथ आप यह लेख जरूर शेयर करें । अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद🙏🙏

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