saibaba कौन हैं हिन्दू या मुसलमान ? Sai का जन्म, मत्यु, और कथाएं

saibaba कौन हैं हिन्दू या मुसलमान ? Sai baba birth , death and stories  

 आज आप इस लेख sai baba कौन हैं हिन्दू या मुसलमान ? Sai baba birth , death and stories   के बारे में जानने वाले है।

संतो के संत हैं  sai baba किसी को उनमें अक्कलकोट महाराज का अंश दिखता है तो किसी को दत्तात्रेय,शिव का अंश दिखता है । आज आप जानेंगे saibaba कौन हैं हिन्दू या मुसलमान ? Sai baba birth , death and stories  

जो लोग कट्टर धार्मिक होते हैं वह अक्सर यह प्रश्न पूछते हैं कि साईनाथ हिंदू हैं या मुसलमान ?

Sai baba birth , death and stories  

 

हिंदू धर्म के कहते हैं कि अगर साईनाथ मुस्लिम है तो हम उनकी पूजा क्यों करें ?वैसे ही मुसलमान लोग कहते हैं कि अगर वे हिंदू है तो हम उनकी समाधि में जाकर दुआ क्यों करें ?

श्री सांई सच्चरित्र में कई ऐसी बातें लिखी है जो हमें जानना चहिए।

श्रीगोविंदराव रघुनाथ दाभोलकर द्वारा लिखी गई है श्री सच्चरित्र । 1910 में साईं सच्चरित्र लिखना शुरू किया गया 1918 तक लिखा गया ।पहले यह किताब केवल मराठी में लिखी गई थी फिर इसका अनुवाद कई भाषाओं में किया गया ।

साईं कभी भी धर्म के नाम पर विवाद नहीं किया करते थे । वे हम सब को एक साथ देखना चाहते थे इसलिए वे हमेशा अपने बोलचाल में भी कहते थे कि “सबका मालिक एक ” सवाल यह उठता है कि कितने लोग हैं जो साईं को मानते हैं ?अगर आज भी आप पंडित या ज्योतिषियों के चक्कर में है तो आप साई पर विश्वास नहीं करते हैं ।

साई कौन है हिन्दू या मुसलमान ? (saibaba कौन हैं हिन्दू या मुसलमान ? Sai baba birth , death and stories  

साईं नाथ का इरादा हमेशा से लोगों को एक करने में रहा है । साई धर्म के नाम पर झगड़ा लड़ाई नहीं करते थे । संसार में दुख ,तकलीफ ,चिंता दूर करते थे और भाईचारा कायम करते थे ।

क्या साई हिंदू है ?

1 .जो लोग साईं को हिंदू मानते हैं वह हिंदू होने का तर्क देते हैं जैसे -बाबा के कान बिंधे हुए थे और बाबा धूनी रमाते थे ऐसा नाथपंथी संत ही करते हैं ।

2 .जब साईनाथ को पहली बार नीम के पेड़ के नीचे देखा गया तो उनसे पूछा गया कि आप यहाँ तपस्या क्यों कर रहे है ? उन्होंने कहा कि यहां मेरे गुरु की समाधि है । खुदाई के बाद चार दीपक दिखे तब से वह जगह पूजनीय माने जाती है ।

नाथ संप्रदाय के संत धुनी रमाना, कान छिदवाना , हुक्का पीना यह सब नाथ संप्रदाय के संत करते हैं इसलिए साई को हिंदू माना जाता है ।

जो लोग साइको मुस्लिम मानते हैं वे अपना तर्क देते हैं ।

क्या साई मुस्लिम हैं ?

पुजारी ने जब बाबा को देखा था तो उनकी मुंह से पहला शब्द ” साई ” निकला था ।”साई ” शब्द फारसी है इसका मतलब होता है संत ।ज्यादातर यहां शब्द मुस्लिम संन्यासियों के लिए उपयोग किया जाता होता है ।

साईं का पहनावा देखकर उस पुजारी को मुस्लिम संत लगा होगा इसलिए उन्होंने साई कहकर उन्हें पुकारा ।

1. सांई सच्चरित्र के अध्याय में उल्लेख किया है कि साईं जीवन भर अल्लाह मालिक है कहते थे जबकि कुछ लोग उन्हें हिंदू बनाना चाहते थे इसलिए कुछ जगह लिखा गया है सबका मालिक एक ।

2. कुछ लोग यह भी कहते हैं साईं सफेद कपड़ा अपने सर पर डालते थे ऐसा सिर्फ मुस्लिम संत ही करते हैं ।

3. लोगों का यह भी कहना है कि उन्होंने मस्जिद ही क्यों चुना ? रहने के लिए वहां और कई जगह थी जहां वे रह सकते थे। वे मुस्लिम थे इसलिए उन्होंने मस्जिद चुना ।

4 . हिंदुओं का कहना है कि बाबा धूनी रमाना करते थे तो भी हिंदू है दरअसल ठंड से बचने के लिए धूनी में आग जलाते थे ।

साईं का जन्म और मृत्यु कब हुई थी ?(Sai baba birth , death and stories  )

कहा जाता हैं कि साई का 5 सितंबर 1835 को जन्म हुआ था महाराष्ट्र के पाथरी गांव में और साईं की मृत्यु 28 सितंबर 1918 में हुई थी ।

साईं के भक्त देश विदेश कई जगह पाए जाते हैं ।आपको इस लेख (saibaba कौन हैं हिन्दू या मुसलमान ? Sai baba birth , death and stories  के जरिए सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल की जानकारी देने वाली हूँ । जी हाँ मैं शिर्डी की बात कर रही हूं ।

शिर्डी के धार्मिक स्थल में आज भी लोग गुरुवार के दिन बड़ी मात्रा में पहुंचते है । शिर्डी से जुड़ी जानकारी आज इस लेख में आपको मिलेगी ।

साईं नाथ की बात करें तो आज तक कोई नहीं जानता कि उन्होने कब और कहाँ जन्म लिया ।

साईं नाथ के माता-पिता के बारे में कोई नहीं जानता है पर कुछ कथाओं में साईं नाथ के माता और पिता का जिक्र किया है ।

साईं की  कथाओं के जरिए बताया गया है कि उनके पिता का नाम गंगा बावड़िया और माता का नामदेवगिरी अम्मा था। वे शिव भगवान के भक्त थे ।

शिव की कृपा से ही साईं नामदेवगिरी अम्मा के गर्भ में आए थे । जब साई अपनी मां की कोख में थे तब उनके पिताजी को अरण्यवास की अभिलाषा तीव्र इच्छा हो हुई ।

वे सब कुछ छोड़ कर जंगल निकल पड़े ।उनके साथ उनकी पत्नी भी थी रास्ते में ही उन्होंने साईं को जन्म दिया । पति की निर्देशों के अनुसार पेड़ के नीचे बच्चे को रखकर आगे चल पड़ी ।

उसी रास्ते से एक मुस्लिम जोड़ा निकल रहा था उनकी नजर पेड़ के नीचे उस बच्चे पर पड़ी ।

वे निः संतान थे । उन्होंने उस बच्चे को अपना लिया और नाम दिया बाबा।

कई कथाओं में बताया गया है कि 16 वर्ष की उम्र में बाबा पहली बार शिर्डी पहुंचे थे और वे नीम के पेड़ के नीचे अपनी तपस्या में लीन थे । कुछ समय तपस्या करने के बाद बाबा वहां से अदृश्य हो गए ।

ऐसी कथाएं प्रचलित है कि एक बार चांद पाटिल के बुलाने पर साईनाथ एक बारात में शामिल हुए । वह बारात शिर्डी गई जैसे ही बाराती शिर्डी पहुंचे वहां के खंडोबा मंदिर में म्हालसपति ने बाबा का तेजस्वी चेहरा देखा और उनके अल्फाज निकले ” साई “।

धीरे धीरे शिरडी के वासी भी उन्हें साईं बाबा कहकर बुलाने लग गए ।बारात तो चले गई पर बाबा वहीं अवकिसित मस्ज़िद में रहने लगे ।

साई का जन्म कहाँ हुआ ?(Sai baba birth , death and stories  

साईं का जन्म महाराष्ट्र के परभणी जिले के पथरी गांव में हुआ था । शिर्डी में साई को 1854 में पहली बार देखा गया था तब वे 16 साल के थे जब पहली बार शिर्डी में आई थे ।

साईं बाबा की शिक्षा

ऐसे बहुत लोग थे जिन्हें समाज इज्जत नहीं देता था पर साईं बाबा हर एक को सम्मान देते थे और बेसहारा नहीं छोड़ते थे ।

साईं बाबा हमेशा सबको प्यार करते थे । वे कहते हैं “सबका मालिक एक” है तो इंसान धर्म के नाम से झगड़ा क्यों करता हैं ।

अपने जीवन में दूसरों को सदैव ही प्रेम देते थे ।वे कहते थे उच्च नीच , भेदभाव इन सब से इंसान को दूर रहना चाहिए । सबसे बड़ा धर्म मानवता का होता है ।हर इंसान में मानवता होनी चाहिए ।

जो लोग आज साई को मानते हैं वह जानते हैं कि कभी भी हिंदू मुस्लिम के नाम से झगड़ा नहीं करना चाहिए । साईं का कहना है कि सबका मालिक एक है ।

वो ही इंसान धर्म के नाम से झगड़ा कर रहे हैं जो साईं पर विश्वास नहीं रखते हैं ।

साईं बाबा की मृत्यु कब हुई ?( Sai baba birth , death and stories )

15 अक्टूबर 1918 को साईं ने समाधि ले ली थी । साई को हिंदू मुस्लिम और कई अन्य धर्म वाले लोग पुजते थे ।ऐसा कहा जाता है कि साई ने समाधि की बात पहले ही अपनी श्रद्धालुओं को बता दी थी।

साई को मानने वाले अनेक धर्म के लोग साई के जाने के बाद एक विवाद में फंस गए ।यहां विवाद इसलिए था की साई का अंतिम संस्कार किस तरह से किया जाएगा ?हिन्दू धर्म अनुसार या मुसलमान धर्म अनुसार ।

सरकारी अधिकारियों के सामने मतदान कराया गया इसमें हिंदू धर्म वाले लोग जीत गए इसलिए अंतिम संस्कार हिंदू धर्म के अनुसार किया गया ।

साई बाबा की चमत्कारी कहानियां Sai Baba Shirdi Stories in Hindi

आज आप ऐसी कहानियां जानेंगे जो साईं बाबा से संबंधित है । साई अपने हर चमत्कार के पीछे कोई ना कोई संदेश लोगों को देते थे ।चलिए जानते हैं ऐसी कौन सी कहानियां है जो हमें मालूम होनी चाहिए ।

11 Best sainath stories  (Sai baba birth , death and stories  )

कथा 1

साईनाथ की चर्चा जब जगह जगह होने लगी तब आए दिन लोग शिर्डी के साईं नाथ की चमत्कारी कहानियां सुनने लगे ।

एक बार एक व्यक्ति ने सोचा क्यों ना साईनाथ की शक्ति  पड़ताल की जाए । उसने अपने इरादा बना लिया कि वह शिर्डी जाएगा और साईनाथ से कुछ सवालों के जवाब पूछेगा ।

जब वह व्यक्ति शिर्डी पहुंचा साईं नाथ ने उसका नाम लिया और कहा कि पूछो .. क्या पूछना चाहते हो ?ऐसा सुनने के बाद वह व्यक्ति हैरान रह गया और नतमस्तक हो गया क्योंकि शिर्डी में वह पहली बार आया था और उसका नाम किसी को नहीं मालूम था ।

कथा -2

बाबा ने फकीर का चोला पहना इसी वजह से वहां कई बार बनियों के पास जाते थे और वहां से तेल लेकर आते थे । साईनाथ प्रतिदिन मस्जिद में दिया जलाते थे एक बार बनियों ने मिलकर साजिश कि आज साई को तेल नहीं देना है । फिर क्या ! साई का चमत्कार हर एक को देखने को मिला ।

उस दिन साईं ने मस्जिद में पानी से दिए जलाए । चमत्कार देखकर हर कोई हैरान रह गया और सारे बनियों ने माफी मांगी और कहा आगे से कभी भी झूठ नहीं बोलेंगे ।

कथा -3

इस कहानी में साईं ने अद्भुत चमत्कार दिखाया है एक बार की बात है साईं के भक्त साईं के दर्शन के लिए शिरडी पहुंचे ।वहां दर्शन के बाद जोरों से बारिश शुरू हो गई ।

साई के भक्त बहुत ही व्याकुल थे अपने घर पहुंचने के लिए फिर क्या ! साईं ने आसमान की ओर देखा और कहा ” हे अल्लाह” बारिश को रोक दो .. मेरे बच्चो को घर जाना है।उसी समय बारिश रुक गई यहां देख कर सब बाबा जी की जय जयकार करने लग गए ।

कथा – 4

एक बार एक छोटी से बच्ची कुछ दोस्तों के साथ खेल रही थी ।खेलते खेलते वहां अचानक से कुएं में गिर पड़ी ।वहां आसपास सब लोग इकट्ठा हो गए और उस बच्चे को लटका हुआ देखकर हैरान रह गए क्योंकि कोई अदृश्य शक्ति उस बच्ची को पकड़ा हुए था ।बच्ची का कहना है कि वह और कोई नहीं उसके साईनाथ थे ।इस चमत्कार को देखकर लोग साईनाथ को और भी नमन करने लग गए ।

कथा -5

एक बार साईं नाथ ने म्हालसापति को कहा कि वे 3 दिन के लिए शरीर को छोड़ रहे हैं ।अगर वहां 3 दिन के बाद ना लौटे तो उनके शरीर को अमुक जगह दफना दे ।

जब बाबा ने अपना शरीर छोड़ा तो हर किसी ने कहा कि बाबा अब नहीं रहे । यहां तक की डॉक्टर ने कह दिया कि बाबा इस संसार को छोड़कर चले गए।कई विवादों के बाद भी म्हालसापति ने बाबा के शरीर को अपनी गोद से नहीं हटाया । 3 दिन बाद बाबा ने सांसे लेने शुरू कर दी और वह जीवित हो गए ।

3 दिन तक म्हालसापति ने किसी को भी बाबा के पावन शरीर को हाथ लगाने नहीं दिया ।जब 3 दिन बाद बाबा ने अपना शरीर धारण कर लिया तो हर कोई खुश हो गया । यह चमत्कार से कम नही है।

कथा -6

एक बार की बात है म्हालसापति ने अपना पुत्र का नाम बाबा से रखवाने का विचार किया ।जब बाबा के पास वे पहुंचे तो पुत्र का चेहरा देखने के बाद बाबा ने कहा कि तुम्हें इसका 25 साल तक ध्यान रखना है । म्हालसापति बाबा की बातों को अच्छे से नहीं समझ पाए ।

म्हालसापति ने अपने पुत्र का अच्छे से ध्यान रखा । फिर 25 वर्ष के बाद उस पुत्र का देहांत हो गया ।

लोग हैरान रह गए कि बाबा ने पहले ही यह बात कह दी कि तुम्हें इसका 25 वर्ष तक ध्यान रखना है ।

कथा -7

काका महाजन साईं नाथ के भक्त जो मुंबई में रहने वाले थे। उन्होंने मन बनाया कि शिर्डी में एक हफ्ता रुकेंगे ।जब शिर्डी पहुंचे तो उन्होंने एक दिन ही बिताया था तब साईनाथ ने उनसे सवाल किया कि तुम वापस कब जाओगे ?साई के वचनों को सुनते हुए काका महाजन ने जवाब दिया कि जब आपका हुकुम हो ..साईं ने कहा कि तुम कल लौट जाना ।

जैसे ही उनका भक्त वापस लौटा उन्होंने देखा कि उनका सेठ उनकी प्रतीक्षा कर रहा था ।

Manager की तबीयत अचानक खराब होने के कारण काका की आवश्यकता ऑफिस में अत्यंत थी ।उस भक्त ने साईं का तहे दिल से शुक्रिया किया ।

कथा – 8

एक प्रसिद्ध शास्त्री बाबू साहेब के साथ शिर्डी पधारे । बाबू साहेब साईं नाथ के भक्त थे ।शास्त्री ने बाबा के हाथ की रेखा देखने की विनती की पर बाबा ने उसकी विनती को स्वीकार नहीं किया । प्रसाद में साईं ने चार केले दिए उस शास्त्री को फिर सब लोग अपने वाड़े में चले गए ।

आरती के समय बाबा ने बाबू साहेब से कहा कि उस मुल्ले से कुछ दक्षिणा लेकर आओ ।

दक्षिणा देते समय मुल्ले को साईं बाबा ना देख कर उनमें कैलासवासी गुरु घोलप स्वामी दिखाई दिए । मुल्ला उनकी स्तुति के लिए फूलों की वर्षा करने लगा ।

ध्यान से देखा तो उन्हें पता चला कि वे साईनाथ है ।चमत्कार देखकर उस मुल्ले का संशय दूर हो गया ।

Sai baba birth , death and stories

कथा – 9

इस कहानी में एक डॉक्टर साईं भक्त को बताता है कि वह श्री राम के अलावा किसी के सामने नमन नहीं करता है ।इतना सुनने के बाद साईं भक्त ने कहा कि तुम मेरे साथ शिर्डी चल रहे हो चाहे तुम नमन करो या ना करो पर एक बार तुम्हे दर्शन जरूर करनी चाहिए ।

डॉक्टर साईं भक्त की बात सुनकर शिर्डी पहुंच गए पर सभी लोग हैरान हो गए जब डॉक्टर को सबसे पहले नमन करते हुए उन्होंने देखा ।

पूछा गया कि आप तो कह रहे थे कि मैं किसी के सामने नमन नहीं करता हूं  तो उन्होंने उत्तर दिया कि मुझे इनमें श्री राम नजर आ रहा है । यहाँ एक अद्भुत चमत्कार है ।

कथा 10

एक बार की बात है शिर्डी में पानी का अकाल पड़ गया था । कुएं में एक बूंद पानी नहीं था । शिर्डी के वासी परेशान होने लगे उन्होंने अपनी समस्या साइ के सामने रखी । साई कुएं के सामने आए और कहा पानी तो है गौर से देखो ।अचानक ही कुएं में पानी ऊपर तक आ गया ।यह चमत्कार देखकर साई की जय जयकार पुरी शिर्डी वासी करने लगे ।

कथा 11

एक बार एक व्यक्ति साईनाथ से मिलने के लिए शिर्डी पहुंचा । वहां पहुंचने के बाद साईं को नमन किया । साईं ने तुरंत ही उसे गांव जाने की सलाह दी ।

वह एक किसान था उसके खेत में फसल लहरा रही थी ।साईं ने कहा तुम्हारे फसल में आग लगने वाली है यहां से जाओ ।

इतना सुनते ही वह व्यक्ति तुरंत अपने गांव की तरफ लौटा, लेकिन वहां उसकी फसलें एकदम सुरक्षित थी। वह कुछ समझ नहीं पाया और वापस बाबा के पास लौट गया और यह प्रश्न किया कि बाबा मेरे फसलों में तो कोई भी आग नहीं लगी, फिर आपने ऐसा क्यों कहा ?

बाबा ने उसे चेतावनी दी और कहा कि जाओ अपनी फसलों का ध्यान रखो । जब लौटा तो उसने देखा कि उसकी फसलों में आग लगी हुई है उसने बाबा के सामने दया की भीख मांगी उसी वक्त चमत्कार हुआ सारी आग 1 सेकंड के अंदर ही शांत हो गई।

साईं बाबा पर फ़िल्में (Movies on Sai Baba of Shirdi )

साईं के ऊपर नई फिल्में , सीरियल , एनीमेटेड वीडियो बनाई गई है इनका उद्देश्य सिर्फ पैसा कमाना नहीं था बल्कि लोगों को साईं से परिचित कराना था ।

साईं का उद्देश्य रहा है कि सब लोग प्रेम से रहे ।साईं का वचन हमेशा याद रखें श्रद्धा और सबूरी ।

जो लोग movies , animated videos, articles साई का बना रहे है । वे साई का उद्देश्य जगह-जगह फैलाने का प्रयास कर रहे हैं इसलिए कि साई के वचन हम सब याद रखे ।

कभी भी धर्म जाति के नाम से झगड़ा ना करें ,दुखी और पीड़ित लोगों की मदद करें ।

साईं की फिल्म कई भाषाओं में बनाई गई है जैसे कि ..हिंदी ,कन्नड़ , तमिल ,तेलुगु,मराठी ।

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निष्कर्ष –  उम्मीद है दोस्तो आपको (saibaba कौन हैं हिन्दू या मुसलमान ? Sai baba birth , death and stories   ) इस   लेख से साई से जुड़ी बातो की जाानकारी मिली है । यहाँ जानकारी   सामान्य जानकारी पर आधारित है। यदि आपको यह लेख पंसद आए तो subscribe,share, comment जरूर किजिएगा ।

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