आज के इस लेख “How to Read a Book in Hindi ” में आप समझेंगे की एक्टिव रीडिंग करना क्यों महत्वपूर्ण है ?
कई बार दोस्तों ऐसा होता है कि हम रीडिंग करने बैठे हैं तब पहले पेज या दूसरा पेज में क्या लिखा है वही समझ पाते हैं और तीसरे पेज में आते-आते हमें समझ नहीं आता कि पहले और दूसरे पेज में क्या था ?
क्या आपकी भी यह दिक्कत है तो यह लेख आपके लिए है क्योंकि बहुत से लोग सोचते हैं कि शब्दों को पढ़ लेना ही रीडिंग कहलाता है लेकिन रीडिंग का महत्व बहुत है जिससे हमें पढ़ा हुआ लंबे समय तक याद भी रख सकते हैं और इंप्लीमेंट भी कर सकते हैं ।
ज्यादा नहीं दोस्तों सिर्फ 15 से 20 मिनट का यह लेख How to Read a Book in Hindi अगर आप पढ़ लेंगे तो जीवन बदल के रख देगा ।
How to Read a Book the Classic Guide to Intelligent Reading इस बुक की समरी को समझने के बाद आपका रीडिंग करने का अंदाज बदल जाएगा और यकीन मानिए फिर जो आप रीडिंग करेंगे उसका प्रभाव आपके जीवन पर पड़ेगा ।
Mortimer J . Adler द्वारा लिखी गई यह किताब में बताया गया है की रीडिंग सिर्फ शब्दों को पढ़ने को नहीं कहते हैं बल्कि रीडिंग में इतनी काबिलियत है कि वह आपकी जीवन की दिशा तक बदल सकती है ।
यदि आप समझ जाए कि कैसे रीड किया जाता है तो आपको समझ आएगा कि सही में लिखे हुए शब्दों की क्या value है ?
जैसे 6th क्लास का बच्चा यह तो समझता है कि कोई शब्द का उच्चारण कैसे करना है लेकिन उसे यह नहीं पता होता है कि उन शब्दों का महत्व क्या है और उस कैसे हमारा जीवन सुधर सकता है ?
बड़ी दुख की बात है कि आजकल लोगों को रेड करना बिल्कुल नहीं पसंद नही 😔 न वो किताब लेते हैं और ना ही उसे पढ़ना पसंद करते हैं ।
अगर आप रीडिंग के स्केल को अपग्रेड करते हुए आगे बढ़ेंगे तो मेरा मानना है कि आपके जीवन में एक महत्वपूर्ण बदलाव जरूर आएगा ।
इस लेख में आपको रीडिंग के कई ऐसे लेवल पढ़ने को मिलेंगे जिससे आपका रीडिंग स्किल बढ़ेगा ।
रीडिंग स्किल को बेहतर बनाने के लिए आपको इस लेख को अंत तक पढ़ना पड़ेगा ताकि आप समझ सके की Reading Skill के फायदे क्या क्या है ?
इन तरीकों को जानने के बाद आप एक अच्छे रीडर बन पाएंगे लेकिन दोस्तों सिर्फ जानने से कुछ नहीं होता है अगर आप प्रैक्टिस करेंगे तभी इसमें विजय पाएंगे ।
🌹🌹अच्छा रीडर क्यों बनना चाहिए ?
Contents
पढ़ने को तो इंसान कई बार मैगजीन , न्यूज़ और तमाम जानकारी रीड करता है लेकिन क्या आपने सोचा है कि अच्छा रीडर बनना क्यों जरूरी होता है ?दोस्तों अगर इंसान रेड तो करें लेकिन पढ़ा हुआ उसके दिमाग में रहे ना या उसे भूल जाएं तो उस रीडिंग का क्या मतलब ।
एक अच्छा रीडर वो होता है जो पढ़ा हुआ दिमाग में रखता है ताकि उसका बेनिफिट ले सके ।
आजकल इंटरनेट के जरिए लोग काफी इनफॉरमेशन हासिल कर लेते हैं इसलिए कोई भी रीडिंग को ज्यादा तवज्जो नहीं देता ।
क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी हासिल की हुई तमाम जानकारी आपको लंबे समय तक याद क्यों नहीं रहती है ?
इसका उत्तर यह है कि आपने उस वीडियो के माध्यम से जाना और समझा है यदि आप एक अच्छे लीडर बन जाएं तो ऑथर का कहना है कि आपको लंबे समय तक पढ़ा हुआ याद रहेगा तो क्यों ना आप एक अच्छा रीडर बन जाएं ।
इफेक्टिव रीडिंग करके आप तमाम जानकारियां को अपने दिमाग में स्टोर कर सकते हैं ।
😊हम सब जानते हैं जब हम कुछ पढ़ा हुआ रेड कहते हैं तो वह हमारी कबलियत को बढ़ाने की हिम्मत रखता है ।
लर्निंग इंसान दो प्रकार से करता है पहले इ -फॉम और दूसरा इनलाइटेंड ।सिर्फ जानकारी रीड करना वह ई-फ़ॉर्म लर्निंग कहते है और पढ़ा हुआ समझ आता है उसे इनलाइटेंड लर्निंग कहते हैं ।
किसी चीज को जानना और उसे समझना यह दोनों अलग-अलग बातें होती है यदि आप समझ कर रीडिंग करें तो वहां आपकी काबिलियत को बढ़ाता है तो इस बात से यह तो समझ आ गया है कि कैसे एक्टिव रीडिंग हमें और समझदार बनती है।
💞 दोस्तों जब आप स्टूडेंट थे तब कई बार आपने डिस्कवरी और इंस्ट्रक्टर जैसे शब्द सुने होंगे इंस्ट्रक्टर का मतलब होता है कि कोई आपके सामने कोई चीज समझने का प्रयास कर रहा है ।
वही डिस्कवरी का मतलब होता है कि आपने खुद रिसर्च करके कोई शब्द का अर्थ जाना और समझा है जब आप एक अच्छी रीडर बन जाते हैं तो आप डिस्कवर करके अपनी काबिलियत को बढ़ाते हैं और अच्छे रीडर का यही उद्देश्य होता है कि वह चीजों को समझें सिर्फ पढ़े मत ।
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रीडिंग के कितने लेवल होते हैं ?
दोस्तों रीडिंग के चार लेवल होते हैं यदि आप समझना चाहते हैं कि आप एक अच्छे रीडर है या नहीं तो आपको खुद जज करना होगा कि आप किस लेवल पर है ताकि आप एक अच्छे रीडर की ओर अपने कदम लेकर जा सके ।
जब आपका उद्देश्य होता है कोई सब्जेक्ट को पढ़ना तो आप उस सब्जेक्ट को रीड करते हैं और मन में इमेजिन करते हैं कि ऐसी सिचुएशन है लेकिन वही अगर कोई novel आप उठाते हैं तो इमेजिनेशन ना करते हुए सिर्फ आप पढ़ते हैं इन दोनों परिस्थितियों में आपकी सोचने और समझने की दिशा में जमीन आसमान का अंतर होता है ।जब आप ध्यान से पढ़ते हैं तो इमेजिनेशन की पावर का इस्तेमाल कर पाते हैं इससे पता चलता है कि आप रीडिंग करते समय अपने एफर्ट्स डाल रहे हैं लेकिन साधारण रीडिंग के दौरान इंसान कोई एफर्ट्स नहीं डालता है इसलिए उसे कुछ भी पढ़ा हुआ लंबे समय तक याद नहीं रहता ।
चलिए रीडिंग के लेवल्स के बारे में जानते हैं ताकि हम समझ सके कि हम अभी किस लेवल में है ?
रीडिंग के चार लेवल्स होते है
1. एलिमेंट्री रीडिंग –
प्राइमरी स्कूल के बच्चों को जब शब्दों को जोड़कर उसे पढ़ना सीखते हैं उसे एलिमेंट्री रीडिंग कहा जाता है ।इसमें टीचर बच्चों को अलग-अलग शब्दों का उच्चारण कैसे कहते हैं और उच्चारण करके वाक्य कैसे तैयार होते हैं यहां समझती है ।
इसमें जैसे बच्चे को नहीं समझ आता है कि शब्दों का मतलब क्या होता है , इसी वजह से वह इमेजिनेशन की पावर का इस्तेमाल नहीं कर पाते ।इस लेवल में आप उस बच्चों की तरह है जिसे सिर्फ शब्दों को पढ़ना आता है लेकिन उसमें समझने की काबिलियत नहीं होती ।
2 . इंस्पेक्शन
इसे स्कीमिंग या प्री रीडिंग के नाम से भी जाना जाता है । इसमें आपको आदेश दिया जाता है कि यह किताब को आपको एक महीने के अंदर खत्म करना है और इसमें दी गई बातों को अपने समझ अनुसार एक्सप्लेन करना है ।
सर्फेस लेवल की रीडिंग में इंस्पेक्शन आता है क्योंकि इसमें रीडर को सिर्फ यहां जाना होता है कि इसमें क्या लिखा है ?
किताब को बिना पढ़े आप जाना चाहते हैं कि इसमें पैसा लगाना समझदारी का कार्य होगा या नहीं लेकिन आप उसके सरफेस लेवल को जानना चाहते हैं कि इसमें क्या स्ट्रक्चर और पार्ट्स है इसे ही इंस्पेक्शन लेवल कहते हैं ।
तीसरे लेवल की रीडिंग होती है एनालिटिकल रीडिंग -एनालिटिकल रीडिंग में व्यक्ति जो भी रीड कर रहा होता है उसे ध्यान से पढ़ता है और खुद से ही सवाल पूछता है कि उसे टॉपिक या चैप्टर में क्या समझ आया ।
जवाब सवाल पूछता है तो वह खुद से जवाब देता है इस तरह की रीडिंग को एनालिटिकल रीडिंग कहा जाता है । यह थोड़ा इंस्पेक्शन रीडिंग की तरह ही होती है पर इसमें कोई टाइम लिमिट नहीं होती है इसमें रीडर ध्यान पूर्वक अपना कार्य कर रहा होता है ।
इसमें इंसान एक्टिव रीडर होता है और ध्यानपूर्वक अपना कार्य कर रहा होता है इसमें कोई समय की पाबंदी नहीं होती है इसलिए जो रीड कर रहा है उसे टॉपिक के बारे में पूरी जानकारी होती है ,यह उच्चे स्थर का रीडिंग लेवल है ।उनका रीडिंग करने का मकसद होता है की चीजों को समझना और इंप्लीमेंट करना ना कि वह fun के लिए रीड कर रहे होते हैं ।
चौथे लेवल को सीन टॉपिकल रीडिंग आता है इसका मतलब है कि कोई भी किताब आप जब पढ़ रहे होते हैं उसे रिलेटेड कई और टॉपिक भी आप cover करते हैं ।
मान लेते हैं कि आप बिल्लियों के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं लेकिन बिल्लियों के ब्रीड्स और स्पीशीज के बारे में भी पढ़ रहे हैं और बिल्लियों से जुड़ी जानकारी भी हासिल कर रहे हैं तो इसका मतलब क्या है कि आप एक टॉपिक से रिलेटेड उसकी तमाम जानकारी हासिल कर रहे हैं । इस तरह की रीडिंग को कॉम्प्लिकेटेड कहा जाता है क्योंकि इंसान एक टॉपिक पढ़कर उसके सारे टॉपिक को कवर करता है ।
पढ़ते समय पढ़ने की कला को भी दो तरीके में बांटा गया है एक होता है प्लेजर रीडिंग और दूसरा होता है प्रॉफिट रीडिंग ।
प्लेजर रीडिंग में इंसान अपने आप को व्यस्त करने के लिए और थकने के लिए रीड कर रहा होता है लेकिन प्रॉफिट रीडिंग में इंसान यहां सोचकर रीड करता है कि उसे कुछ नया सीखने को मिलेगा ।
आम रीडर से डिमांडिंग रीडर के सफर तक पहुंचना है तो आपको खुद से सवाल करना आना चाहिए जब आप खुद से सवाल करते हैं कि इस बुक में जो आपको समझाया जा रहा है उसमें कोई कमी तो नहीं रही ?
अगर कोई कमी है तो क्या कमी है ऐसा करने से आप उसे विषय में डिटेल से जानकारी प्राप्त कर पाएंगे ।
आम रीडर से डिमांडिंग लीडर का सफर कैसे तय करें ?
जब आम रीडर शब्दों को उच्चारण करता है और कुछ समय के बाद भूल जाता है लेकिन डिमांडिंग लीडर जो भी रीड करता है उससे जुड़े सवाल जवाब खुद से पूछता है ताकि उसे विषय के बारे में अत्यंत जानकारी मिल जाए ऐसा इसलिए करता है कि जब टॉपिक के विषय में कोई चर्चा हो तो उसे समझ आए कैसे क्या और कब कार्य हुआ था ?
आम रीडर और डिमांडिंग लीडर में क्या फर्क होता है ?
आम रीडर और डिमांडिंग लीडर में यह फर्क होता है कि आम रीडर सिर्फ रीड करता है लेकिन डिमांडिंग रीडर उस टॉपिक से जुड़े हर एक प्रश्नों का जवाब खुद से देने का प्रयास करता है और साथ ही साथ एक नोटिस भी तैयार कर लेता है ताकि वह इस विषय में कुछ भी भूल न पाएं ।
नोट्स बनाने के लिए जरूरी नहीं है कि आप कोई अलग किताब ही ले और उसमें जो आपने पढ़ा है उसे लिखे लेकिन अगर आप पढ़ा हुआ भूलना नहीं चाहते हैं तो उस नोटिस में ही कुछ हाईलाइट ड्रॉ करें ताकि आप उन हाइलाइट्स को देखकर समझ जाएं कि इस पैराग्राफ में क्या महत्वपूर्ण समझाने का प्रयास किया गया है ।
जब आप किसी भी किताब को खरीदते हैं उसके पैसे देते हैं तो वह किताब आपकी प्रॉपर्टी बन जाती है उसमें आप अपने तरीके से हाईलाइट कर सकते हैं ऐसा करने से आप उस विषय को अच्छे से समझ पाएंगे ।
डिमांडिंग रीडर तक पहुंचना आसान कार्य नहीं होता है वह तक पहुंचाने के लिए आपको धैर्य रखने की आवश्यकता होगी ।
Criticizing a Book Fairly
डिमांडिंग रीडर हमेशा देखता है कि उसे बुक में उसे क्या सीखने को और समझने को मिला है जब किसी किताब को वह पढ़ता है तो उसका नजरिया बदलता है क्योंकि ऑथर का ओपिनियन और आर्गुमेंट पढ़ने के बाद वह खुद से सवाल करता है कि ऑथर ने ऐसा क्यों कहा क्रिटिसाइज का मतलब सिर्फ नेगेटिव ही बोलना नहीं होता है बल्कि पॉजिटिव way में भी होता है ।
जब आप कुछ पहलू को समझते हैं और उसे जुड़े सवाल जवाब करते हैं तो आपको समझ आता है कि इस टॉपिक में किस चीज की कमी है और इसमें क्या इंप्रूव किया जाना चाहिए इस टाइप का जजमेंट तभी एक डिमांडिंग लीडर कर पता है जब उसने बातों को अच्छे से समझा होता है ।
डिमांडिंग रीडर के नजरिए में बदलाव तब आता है जब वह कोई ऐसे टॉपिक पड़ता है जिससे वह बिल्कुल सहमत नहीं होता लेकिन दूसरे की नजरिया को समझने का प्रयास करता है ।इसमें उसका खुद का self development छिपा होता है इसलिए किताबें पढ़ना और उसे बारीकी से समझना हर इंसान के लिए फायदे का सौदा होता है ।
डिमांडिंग रीडर बनने के क्या फायदे हैं ?
- पहले तो यह है कि आप कोई भी सिचुएशन में जल्दी से react नहीं करते हैं क्योंकि डिमांडिंग रीडर हमेशा सिचुएशन को गहराई से समझने का प्रयास करता है ऐसा करने से आपके जीवन में भी बड़े बदलाव आ सकते है ।
- डिमांडिंग रीडर इंसान को पेशेंट रखना सिखाती है।
- डिमांडिंग रीडर ओपिनियन बनाने से पहले प्रूफ और ज्यादा से ज्यादा इनफॉरमेशन इकट्ठा करता है इसलिए डिमांडिंग रीडर बनने के अनेक फायदे हैं ।
Self development books for students in Hindi
Most Popular Motivational Books for Self Development in Hindi : Ikigai + The Richest Man in Babylon + Think And Grow Rich + The Power Of Your Subconscious Mind + How to Win Friends & Influence People
Conclusion
🌹इस लेख “How to Read a Book in Hindi ” से आपको यह सिखने को मिला है कि कैसे आप एक किताब को अच्छे से रीड कर सकते हैं ताकि आप उसका ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा सके ।
एक्टिव रीडर बनना कोई मजाक नहीं है लेकिन आप अभ्यास करने लग जाए और बातों को समझने का प्रयास करें तो आप भी एक एक्टिव रीडर बन सकते हैं ।
इस लेख में हमने रीडिंग के लेवल समझे हैं आप अपने लेवल अनुसार समझ सकते हैं कि अभी आप कौन से लेवल में है ।
दूसरी बात हमने यह समझी है कि क्रिटिसाइज करना क्यों जरूरी है क्रिटिसिज्म पॉजिटिव way में भी होता है और नेगेटिव way भी ।
यदि आपने ऑथर की बातों को अच्छे से समझा होगा तभी आप जान पाएंगे कि उनकी बातों में कोई कमी है या नहीं ।फिर हमने समझा है कि डिमांडिंग रीडर बना क्यों जरूरी है ?डिमांडिंग रीडर वही बन पाता है जो टॉपिक से रिलेटेड अन्य topic को भी ध्यान से समझता और रीड करता है ताकि उसे टॉपिक से रिलेटेड उसके सभी डाउट क्लियर हो जाएं ।
मैं आशा करती हूं इस लेख xHow to Read a Book in Hindi “के माध्यम से आप समझ गए होंगे कि एक्टिव रीडिंग करने के क्या फायदे होते हैं और आप एक एक्टिव रीडर कैसे बन सकते हैं ?