love yourself as your life depends on it

Jeevan Ki Raah Mein Khud Se Prem:love yourself as your life depends on it

 आज के लेख का टाइटल है “love yourself as your life depends on it “आपने बहुत से लेख पढ़ें होंगे जिसके कारण आपके जीवन में परिवर्तन आया होगा लेकिन आज का लेख सबसे हटके है क्योंकि यह आपको खुद से प्यार करना सीखता है।

हे दोस्तों ! आप सबका dailygyankasagar.com में स्वागत है 🤗🤗 ,इस लेख ” love yourself as your life depends on it ” में आपको कौन-कौन से पॉइंट पढ़ने को मिलेंगे  ,चलिए जानते हैं ।

love yourself as your life depends on it

love yourself as your life depends on it summary 

1. स्व-प्रेम “self love”की समझ(Understanding self love )

2. अपनी अदूरताओं को गले लगाना(embracing one’s imperfections)

3. सकारात्मक आश्वासनों की शक्ति(The power of positive affirmations )

4.स्व-करुणा को पोषण देना(Nurturing self-compassion )

5.स्व-निंदा से छुटकारा पाना (Getting rid of self condemnation )

6. अपने मन और शरीर का पोषण करना (Nourish your mind and body )

7. स्वस्थ सीमाएँ बनाना (creating healthy boundaries )

8. खुद को और दूसरों को माफ करना (Forgiving yourself and others )

9. अंदर खोज के रंग में खुद को पाना (finding oneself in the color of searching within )

10. स्व-खोज की यात्रा (Journey of self-discovery )

11. स्व-संदेह को पार करना (overcoming self doubt )

12. आंतरिक सहनशीलता को बढ़ावा देना (Promote internal tolerance )

13. स्मृति और स्व-प्रेम (Memory and self love )

14. अपने आंतरिक उत्साह से जुड़ना (Connect with your inner spirit )

15. स्व-प्रेम से प्रेरित जीवन जीना (living a life inspired by self love )

**पुस्तक परिचय:**

बहुत से लोग ऐसे हैं जो बाहरी विचारों को बहुत महत्व देते हैं और जाने अनजाने हम अपनी तुलना भी दूसरे लोगों के साथ करना शुरू कर देते हैं।

कमल रविकांत जो इस किताब के लेखक हैं वह कहते हैं कि “अपने से प्यार करो जैसे आपकी जिंदगी इस पर निर्भर है,” इस लेख को अंत तक पढ़ने के बाद आप लेखक की बताइए गई सभी बातों को समझ जाएंगे और आज से ही आत्म प्रेम करना शुरू कर देंगे ।

**अध्याय 1: स्व-प्रेम की समझ** (understanding of self-love ) स्व -प्रेम किसे कहते हैं ?

“स्व-प्रेम” का मतलब होता है “खुद से प्रेम करना ” जब इंसान खुद से प्रेम करता है , अपने ऊपर गर्व महसूस करता है उसे स्व – प्रेम कहते हैं ।

इसका मतलब यह नहीं है कि खुद की कमियों को नजर -अंदाज हम करते रहे ।खुद से प्रेम का मतलब है की अपनी गलतियां को देखकर उसमें सुधार लाएं ।

“स्व-प्रेम” की सहायता से इंसान बड़ी सी बड़ी चुनौतियों को आसानी से पार कर लेता है और खुद के साथ एक अच्छा संबंध बनाता है ।

“स्व-प्रेम” के जरिए हम स्व-संदेह दूर भगा सकते हैं ।”स्व-प्रेम”की महत्वपूर्णता को समझते हुए हमें अपने जीवन में इस प्रवेश करना चाहिए ।

**अध्याय 2: 

खुद की स्वीकृति की महत्वपूर्णता** (Importance of Self Acceptance )

कई बार इंसान अपनी खुद के दृष्टिकोण के कारण ही अपने जीवन में बदलाव नहीं ला पता और ना ही उन्नति कर पता है ।जब व्यक्ति अपनी कमियों और गलतियों को समझते हुए उसमें सुधार आता है और खुद की स्वीकृति करता है तो असल में वह खुद को मौका देता है ।

जीवन में आगे बढ़ने का और खुशहाल रहने का ,इसलिए खुद की स्वीकृति बेहद महत्वपूर्ण होती है ।

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**अपनी गलतियों को प्रेम से देखना**

आत्म-संबंध को मजबूत बनाने के लिए इंसान को अपनी गलतियों को प्रेम से देखना शुरू कर देना चाहिए ।अपनी गलतियों को समझते हुए हम खुद को सवारते हैं इसलिए इन्हें प्यार से देखें और समझे कि हम अपने अंदर कैसे परिवर्तन लाएं ।

**अध्याय 3: सकारात्मक आश्वासनों की शक्ति** ( The power of positive affirmations )

मानसिक स्थिति में सुधार लाने के लिए आप सकारात्मक आश्वासन को अपने जीवन का एक हिस्सा बना ले ।

संघर्षों का सामना करते समय सकारात्मक आश्वासन बहुत बड़ा किरदार निभाते हैं ।

सकारात्मक दिशा की ओर जब इंसान चलने लगता है तो आज नहीं तो कल उसे रास्ता दिख जाता है और वह अपनी मंजिल तक पहुंच जाता है ।

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**सकारात्मक आश्वासनों का महत्व** (Importance of positive assurances )

सकारात्मक आश्वासन हमें यकीन दिलाते हैं कि हम जीवन में कामयाब हो सकते हैं और अपने लक्ष्य को पा सकते हैं ।

समस्याओं का निवारण हम खुद कर सकते हैं । यह आश्वासन आत्मविश्वास को बढ़ावा देते हैं जिसके कारण हम चुनौती पूर्ण कार्य करने के लिए भी तैयार हो जाते हैं ।

**सकारात्मक आश्वासनों का प्रयोग** (Use of positive reassurance )

जब इंसान सकारात्मक आश्वासन का प्रयोग करना सीख जाता है तो उसे जीवन की जटिलताओं से डर कम लगता है ।

अब समस्या यहां उत्पन्न होती है कि जब भी इंसान जाटलताओं में घिरा होता है तो उसे अपने जीवन की सकारात्मक आश्वासन याद ही नहीं आते 😅

ऐसे में इंसान घबरा जाता है लेकिन इस समस्या का समाधान है कि आप एक कॉपी में उन बातों को लिखिए जो आपको प्रेरित करती है ।

आप अपनी सफलताओं के बारे में लिख सकते हैं जिससे आप प्रेरित हो और सकारात्मक विचार अपने अंदर उत्पन्न कर पाएं ।

**अध्याय 4: स्व-करुणा को पोषण देना** ( Nourish self-compassion )

यह आत्म संबंध को मजबूत बनाती है और आपके चारों ओर लोगों के साथ आपका नाता अच्छा बनाती है ।

**स्व-करुणा की महत्वपूर्णता** (The importance of self-compassion )

स्व-करुणा की सहायता से आप अपने अंदर दया और सहानुभूति को बढ़ा सकते हैं ।आत्मा विकास और आत्म समर्पण के लिए स्व -करुणा महत्वपूर्ण है ।

**स्व-करुणा का प्रयोग**

स्व-करुणा को अपने अंदर विकसित करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको self love की दिशा में कदम उठाना होगा ।अक्सर ऐसा होता है कि इंसान अपने आप से जब बात करता है तो कुर्ता से करता है जबकि उसे अपने आप से बातचीत प्रेम से करनी चाहिए ।

ऐसा करने से इंसान के अंदर स्व-करुणा विकसित होती है ।स्व-करुणा से आप अपनी गलतियों को प्रेम से सुधर सकती है और अपने जीवन को बेहतर बना सकती हैं ।

**स्व-करुणा के फायदे**Benefits of self-compassion

स्व-करुणा की सहायता से इंसान मानसिक स्वास्थ्य में सुधार आ सकता है। इसके अलावा दूसरों के प्रति सहानुभूति और समर्पण की भावना भी पैदा होती है ।

self relationship को मजबूत बनाना चाहते हैं तो आप स्व – करुणा की मदद ले सकते हैं l

**अध्याय 5: स्व-निंदा से छुटकारा पाना**Get rid of self-condemnation**

इस अध्याय में आप समझेंगे कैसे स्व – निंदा आपको कैसे कमजोर बना देती है ?

self-condemnation इंसान को प्रगति के रास्ते में नहीं जाने देती इसलिए इसे पहचान कर अपनी जिंदगी से दूर करना बेहद जरूरी होता है ।

स्व-निंदा से मुक्ति कैसे पाएं और अपने जीवन में सकारात्मक भावनाएं कैसे प्रवेश करें इस लेख .. में आप यह बात समझेंगे ।

**स्व-निंदा की पहचान**

कई बार ऐसा होता है कि जाने अनजाने इंसान स्व -निंदा को पहचान नहीं पता लेकिन जब आप अपने विचारों और भावनाओं को गौर करने लगते हैं तब आपको समझ आ जाता है कि आप अपनी तारीफ कभी नहीं करते , ना ही अपनी तारीफ सुनते हैं ,इसका मतलब यह है कि आप हमेशा खुद को नकारते रहते हैं ।

यदि आप खुद की तारीफ नहीं करते हैं और खुद को नकारते रहते हैं तो इसका मतलब है कि आप खुद की स्व – निंदा करते हैं ।स्व-निंदा की पहचान आपको अपने विचारों को देखकर समझ आ जाएगा ।

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**स्व-निंदा के प्रभाव**

अधिकतर लोग जानते हैं कि स्व-निंदा से आत्मसमर्पण पर गलत प्रभाव पड़ता है ।

जिसकी वजह से हम अपने अधिकार को स्वीकारने में और अपने कामों में सकारात्मकता लाने में कठिनाइयों का सामना करते हैं ।

**स्व-निंदा से मुक्ति प्राप्त करना**(Getting rid of self-condemnation** )

स्व-निंदा से बचना चाहते हो तो पहले खुद को स्वीकार करने की क्षमता अपने अंदर विकसित करें । जब व्यक्ति खुद के साथ सकारात्मक संवाद करना शुरू कर देता है तो वह खुद की गलतियों को देखते हुए ,उसे ठीक करना शुरू कर देता है और स्व निंदा से बच जाता है ।

**स्व-निंदा से छुटकारा पाने के फायदे** (Benefits of getting rid of self-condemnation** )

सबसे पहले फायदा तो यहां है कि आत्म-समर्पण और आत्म-स्वीकृति में सुधार होता है । इसी की वजह से हम अपने साथ सच्चे और सकारात्मक संबंध बना पाते हैं

और हम आसानी से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते जाते हैं ।

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अध्याय -6

अपने मन और शरीर का पोषण करना**Nourishing Your Mind and Body**

मन और शरीर का पोषण करना हमारे जीवन का महत्वपूर्ण कार्य है क्योंकि इससे आत्मिक और मानसिक स्तर पर स्वस्थ रहने में मदद मिलती है और हम अपने जीवन में उन्नति की ओर बढ़ते जाते हैं।

अध्याय -7 ** स्वस्थ सीमाएँ बनाना**Creating Healthy Boundaries**

जीवन में कामयाब होना हो या खुशहाल रहना हो इसके लिए आपको स्वस्थ सीमाएं बनाना आना चाहिए ।

सामाजिक , आर्थिक और मानसिक स्तर पर अपने आप को आगे रखने के लिए हर इंसान को स्वस्थ सीमाएं बनाना चाहिए और अपने स्वास्थ्य के प्रति प्राथमिकता रखनी चाहिए ।

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स्वस्थ सीमाओं का पालन करने से हम अपने लक्ष्य की ओर बढ़ सकते हैं और जीवन में कामयाब बना सकते हैं । 🚀🌈

अध्याय -8 खुद को और दूसरों को माफ करना** (Forgiving yourself and others )

जब व्यक्ति के अंदर दूसरों को और खुद को माफ करने का गुण आ जाता है तो वह मानसिक और आत्मिक शांति प्रदान करता है ।

बहुत से लोग ऐसे सोचते हैं कि मैं यह गुण अपने अंदर नहीं ला सकता क्योंकि सामने वाले व्यक्ति ने मेरे साथ बहुत बुरा किया है लेकिन दोस्तों माफ करने से सिर्फ सामने वाली को ही लाभ नहीं बल्कि जो इंसान दूसरों को माफ करता है उसे अंदरूनी शांति मिलती है ।

मन में शांति होने के कारण इंसान के अंदर सकारात्मक विचार आते हैं और वह अपने लक्ष्य तक पहुंच जाता है जबकि जब इंसान दूसरों के कारण अपने आप को ढंड देता है तो ना वह कामयाब बना पाता है और ना ही वह अपने आप को स्वस्थ रख पाता है । 🌱🌟

अध्याय 9:अंदर खोज के रंग में खुद को पाना**

जब इंसान अपने अंदर खुद को पाता है तो वह अपने अच्छाइयां और बुराइयां दोनों देख पाता है इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण अध्याय है जिसे जाना हम सबके लिए बेहद जरूरी है ।

इसी की वजह से हम अपने आप को समझ पाते हैं और नई दिशा लाकर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाते हैं ।

जब व्यक्ति मन की गहराइयों में जाकर खुद को समझने का प्रयास करता है तो उसके विचारों और भावनाओं में क्या चल रहा है ,उसे समझ आता है । इससे इंसान अपने आप को समझकर बेहतर तरीके से निर्णय ले सकता है । 🌟🌻

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अध्याय 10: स्व-खोज की यात्रा**Journey of Self-Discovery**

Self-Discovery की यात्रा में इंसान अपनी आत्मा को समझता है ।जिसे वह अपने विचारों को समझते हुए निर्णय लेने के काबिल बन जाता है और उन्नति की दिशा की ओर चल पड़ता है । ✨🌈

** अध्याय 11: स्व-संदेह को पार करना** (overcoming self doubt )🧐

अक्सर देखा गया है कि इंसान अपनी काबिलियत पर संदेह करता है । संदेह इंसान को आगे नहीं बढ़ता ही देता जब भी संदेह आपके अंदर उत्पन्न हो तो उसे अपने सकारात्मक विचारों की सहायता से दूर करें और कुछ पल विचार करने के बाद अपने डर का सामना करते हुए उस संदेह को अपनी जिंदगी से दूर कर दे । 🌱🚀

**अध्याय 12: आंतरिक सहनशीलता को बढ़ावा देना** (Promote internal tolerance )

महत्वपूर्ण कदम है कि आंतरिक सहनशीलता को बढ़ावा दिया जाए ।ऐसा करने से हमारे मानसिक स्वास्थ्य ओर भी बेहतर हो जाता है जिससे हम मुश्किल परिस्थितियों का सामना आसानी से कर पाते हैं ।🌟🌼

** अध्याय 13: स्मृति और स्व-प्रेम** (Memory and self-love )

खुद के साथ गहरा संवाद स्थापित करना चाहते हैं तो आप स्मृति और स्व-प्रेम का सहारा ले सकते हैं ।खुद से प्यार करने और सुखद पलों को याद रखने के लिए स्मृति और स्व-प्रेम हमारी मदद करते हैं । 🌟💖

love yourself as your life depends on it summary in Hindi (सेल्फ लव की पावर को जानिए)💕💕💕🌄🌄

** अध्याय 14: अपने आंतरिक उत्साह से जुड़ना** ( connect with your inner enthusiasm )

जीवन में ऊर्जित और प्रेरित अपने आप को रखना है तो आंतरिक उत्साह (inner enthusiasm )की आवाज सुने।

इसकी आवाज सुनने से आप अपने उद्देश्यों के प्रति प्रेरित होंगे और आत्म समर्पण में वृद्धि होती है । 🚀💪

**अध्याय 15: स्व-प्रेम से प्रेरित जीवन जीना**Living a life inspired by self-love**

स्व-प्रेम से आप जीवन को आनंदमय और खुशहाल बना सकते हैं ।इसकी सहायता से हमारे अंदर खुद को स्वीकारने की कला उत्पन्न होती है और हम जीवन में आगे बढ़ते जाते हैं ।💖🌟

उम्मीद है आपको यह लेख “love yourself as your life depends on it ” की जानकारी पंसद आई होगी । कृपया इस लेख को उन लोगो के साथ share करना

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