आज के इस लेख में [अंदर से डर कैसे निकाले?How to remove fear from inside? ] मैं आपको बताऊं कि अपने डर का सामना कैसे कर सकते हैं ?
कई बार ऐसा होता है कि जाने-अनजाने हम ऐसी स्थिति में पड़ जाते हैं जिसके कारण से हम अपना कार्य को अच्छे से नहीं कर पाते ।
FAQ (अंदर से डर कैसे निकाले? How to remove fear from inside?)
Q.1 क्या डर से जीता जा सकता है ? 🙄
Ans. जी हाँ , ध्यान साधना और डर का सामना करके डर से जीता जा सकता है ।
Q .2 मुझे इतना डर क्यों है ? 😳
Ans. जब आप चिंता में घिरे होते है तब आपको डर जाता लगता है और ज्यादातार चिंताएं कल्पनिक होती है इसलिए अत्यंत सोच विचार करना भी गलत होता है।
Q. 3 डर कितने प्रकार के होते हैं? 😯
Ans . परीक्षा मे फेल होने का डर, मौत का डर, असफल होने का डर, आदि ।
डर के कारण मस्तिष्क कार्य करना बंद कर देता है और ह्दय की गति बढ़ जाती है ।
डर के कारण आप ना सही से बोल पाते हैं ना ही कोई कार्य कर पाते हैं ।
डर का सामना करने के लिए मैं आपको ऐसे टिप्स एंड ट्रिक्स बताऊंगी जिससे आप अपने डर का सामना बेझिझक होकर कर पाएंगे ।
डर किसी भी चीज का हो सकता है अपने प्रिय से दूर होने का डर ,अपने से बड़ों का डर, नौकरी खो देना का डर , असफल होने का डर ।
जीवन में आप आगे तब तक नहीं बढ़ सकते जब तक आप डर का सामना नहीं करते ।
कानून और ईश्वर का डर होना चाहिए लेकिन अगर मामूली बातों से आप डरते रहे तो जीवन में कभी भी सफल व्यक्ति नहीं बन पाएंगे इसलिए आज ही अपने डर को जड़ से खत्म करने का प्रण ले ।
आप जीवन में भयमुक्त जीना चाहते हैं तो आपको इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ना चाहिए इसमें मैं आपको ऐसी बातें बताने वाली हूं जिसे जानने के बाद आप भयमुक्त अपना जीवन जी पाएंगे ।
1.बुरे अनुभवों का परिणाम आपके अंदर डर उत्पन्न करता है तो इसे दूर करे –
हो सकता है कि आपको बचपन में कुत्ते ने काट लिया हो तो आपको वर्तमान में भी कुत्ते से भय लगता होगा ।
क्या आपने कभी बच्चों को खेलते हुए देखा है ?वह किसी भी चीज से डरते नहीं है यही एक कारण है कि वह जो चाहते हैं उसे पा लेते हैं ।
हम यह नहीं कहते हैं कि बुरे अनुभवों से शिक्षा नहीं मिलती है । शिक्षा मिलती है लेकिन अगर आप किसी परिस्थिति या व्यक्ति से डरती ही रहेंगे तो उसका सामना कभी नहीं कर पाएंगे इसलिए डर का सामना करना आना चाहिए और बुरे अनुभवों को भूलना ही बेहतर है इसलिए उसे भूल जाए ।
इंसान जैसे जैसे बढ़ता है उसके पास अच्छे और बुरे अनुभव इकट्ठे होते जाते हैं । बुरे अनुभवों के कारण ही आपके अंदर डर बैठ गया है । उसे जब तक आप खुद निकालने का प्रयास नहीं करेंगे वह डर हमेशा आपके साथ रहेगा ।
डर को भगाने के लिए आप नियमित रूप से ध्यान साधना मेडिटेशन कर सकती हैं ।
दुनिया में आप जो चाहे वहां मेडिटेशन की सहायता से पा सकती हैं ।
मेडिटेशन से लाखों लोगों को फर्क पड़ा है आपको भी जरूर पड़ेगा और आपका डर खत्म हो जाएगा ।
2 . परेशानियों का सामना करें –
जाने अनजाने हमारे मन में 100 सवाल उत्पन्न हो जाते हैं कि ऐसा हुआ तो क्या होगा ,वैसा होगा तो क्या होगा ।
ऐसा करने से हम ऐसी परिस्थिति में फंस जाते हैं जिसे निकालना हमें मुश्किल लगता है ।
चिंता और परेशानियां जीवित इंसान के सामने आती ही रहेंगी कहते हैं ना जीवित इंसान के सामने ही परेशानियां दस्तक देती हैं नहीं तो मुर्दा लोगों के सामने तो दुनिया खुद ही side हो जाती है ।स्थितियों का सामना करें ,व्यर्थ की चिंता करके नकारात्मक विचारों में मत दब जाएं ।
3 .अपनी तारीफ पाने की उम्मीद ना करें –
देखा जाए तो अधिकतर लोग इसी बात में पड़े रहते हैं कि लोग हमारे विषय में क्या कह रहे हैं ?
लोगों की सोच तो ईश्वर भी नहीं बदल सकते ।यदि आप प्रयास भी करेंगे तो कोई ना कोई कमी फिर भी इंसान निकाल ही लेगा ।
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इस से अच्छा है कि ध्यान साधना की सहायता से आप अपने डर को भगा दें और खुद अपने आप को सकारात्मक विचार दें ।
ऐसा करने से आप अपने भय को दूर भगा देंगे और अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे ।
ध्यान साधना एक ऐसा हथियार है जिसकी सहायता से आपके अंदर एक विश्वास उत्पन्न होता है और उस विश्वास में लोग क्या कहेंगे या आपके बारे में लोग क्या सोचेंगे यह डर हट जाता है और सबसे बड़ा डर इंसान को यही होता है कि लोग क्या सोचेंगे ?
Tips to remove fear in Hindi (How to remove fear from inside?
4 .अपने अंदर सकारात्मक विचारों को लाए –
हमारे विचार ही हमें डर के करीब लेकर जाते है ।कई बार इंसान ऐसा सोचने लग जाता है जो वर्तमान में या भविष्य में हो ही नहीं सकता । फिर भी अपने विचारों के कारण वह विवश हो जाता है और अंदर ही अंदर डरता रहता है ।
जब आप सकारात्मक विचार अपने अंदर लाएंगे तो अंदर का डर भाग जाएगा और भगाने के लिए आप नियमित रूप से व्यायाम ,मेडिटेशन ,योगा कर सकते हैं ।
मान ले कि आपको किसी के साथ बाइक में जाना है और आप मन ही मन कहते जा रहे हैं कि यह व्यक्ति तो मुझे गिरा देगा ,आज तो मेरा आखिरी दिन है !
वह व्यक्ति आपको बाइक से गिराया भी नहीं फिर आप बाद में कह रहे हैं कि यह तो मेरा वहम था कि यह मुझे गिरा देगा लेकिन मैं सुरक्षित घर पहुंच गई हूं ।
देखिए दोस्तों नकारात्मक विचारों को इंसान खुद ही अपने आप से दूर रख सकता है इसलिए आज से ही प्रण लें कि आप अपने नकारात्मक विचारों को अपने आप से दूर रखेंगे ।
दूसरा उदाहरण देकर समझाने का प्रयास करती हूं मान ले कि आपसे कोई आपका प्रिय नाराज हो जाता है तो सकारात्मक सोच रखने वाला व्यक्ति कहता है कि चलो ,मना लेते हैं ! वह थोड़ी ना जारी दे तक रूठ कर रहेगा ।
वही नकारात्मक सोच वाले कहते हैं रूठना है तो रुठा रहे अगर मैं मनाने जाऊंगी तो और ज्यादा मुझ पर भड़क जाएगा ।
अपने विचारों की सहायता से अपने अंदर का डर भी भगा सकते हैं और अपने रिश्तो को मजबूत भी बना सकते हैं ।अब यह आपके ऊपर है कि आप किस टाइप की सोच अपने अंदर रखना चाहते हैं सकारात्मक या नकारात्मक ।
सुख और दुख हर इंसान के साथ है पर हमेशा ही कुछ गलत हो जाएगा यह सोचना भी गलत है ।
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5.जगह बदलकर के देखें –
कई बार ऐसा होता है कि इंसान जिस जगह रह रहा होता है । उसे अपने चारों तरफ तनाव और शोषण देखने से उसके अंदर डर बैठ जाता है ।
ऐसे में व्यक्ति को अपनी जगह बदल कर देखना चाहिए ।
हो सकता है कि उसकी अंदर का जो डर है वह समाप्त हो जाए ।
कई बार हमारे डर की वजह हमारा वहां माहौल होता है जिसके भीतर हम रह रहे होते हैं ।
यदि कुछ महीने और साल हम उस जगह से दूर हो जाएं तो हो सकता है कि हमारे भीतर का डर समाप्त हो जाएगा ।
जब आप माहौल अपना बदलेंगे तो आपके विचार भी बदल जाएंगे क्योंकि अधिकतर समय हम उन लोगों के साथ रहते हैं जो हमारे इर्द-गिर्द होते हैं ।
जाने अनजाने उनके विचार हमारे अंदर आ जाते हैं और हम ना चाहते हुए भी डर को अपने अंदर प्रवेश कर देते हैं ।
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6.मौत निश्चय ही सबकी होनी है इस बात को समझे –
कुछ लोगों को मौत से डर लगता है आप एक बात समझ लीजिए कि जो व्यक्ति इस दुनिया में आया है वह व्यक्ति हमेशा के लिए इस दुनिया में नहीं रह सकता ।
जो बात आप कंट्रोल नहीं कर सकते उसके लिए चिंतित होना व्यर्थ है ।
मौत की सच्चाई को ज्यादातर लोग समझ ही नहीं पाते और व्यर्थ की चिंता और डर अपने अंदर ले आते हैं ।
जन्म और मृत्यु दोनों कार्य भगवान करते हैं ।इस कार्य में इंसान हस्तक्षेप नहीं कर सकता इसलिए मौत के बारे में सोच सोच कर अपने आपको दुविधा में मत डालें ।
जब तक परमात्मा की इच्छा ना हो कोई इंसान आपका बाल भी बांका नहीं कर सकता इसलिए व्यर्थ का डर मत पाले ।
प्रकृति के नियम से आप बच नहीं सकते जो भी इस दुनिया में आया है वह जाएगा जरूर ।
यह प्रकृति का नियम है कि नया आएगा और पुराना जाएगा ।
भयमुक्त जीवन व्यतीत करने के 5 उपाय (5 ways to lead a fearless life )
1 .जब घबराहट ,बेचैनी ,याद सताए तो कुछ मिनट के लिए ध्यान कीजिए इससे आपको काफी हद मदद मिलेगी ।
2 . खुद को हमेशा एक बात कहते रहे “जो होता है अच्छे के लिए होता है ” ।
3 .अपने भय को तुरंत भगाने के लिए ह्म्मम्म्म्म प्रक्रिया बेहद अच्छी मानी गई है ।
4 . 20 मिनट के लिए रोजाना ध्यान जरूर करें ऐसा करने से आप भयमुक्त रह पाएंगे ।
5. ध्यान करने के लिए खाली स्थान देखें और वहां 20 मिनट रोजाना सुबह के समय ध्यान साधना करें ।
उम्मीद है आपको यह जानकारी (अंदर से डर कैसे निकाले?How to remove fear from inside? ) पंसद आई होगी । उन लोगो के साथ share करना ना भूले जो अपने डर को खत्म करके आगे बढ़ना चाहते है। अपना कीमती वक्त देने के लिए शुक्रिया 😊🙏🙏❤️
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